परमेश्वर ने मनुष्य को अपने महिमा के लिए बनाया है और परमेश्वर के बिना मनुष्य का जीवन मरा हुआ है।
1. क्या मनुष्य परमेश्वर के बिना जी सकता है ?
मनुष्य का कोई अस्तित्व नहीं परमेश्वर के बिना।
परमेश्वर के बिना मनुष्य का जीवन भटका हुआ है।
परमेश्वर ने ईश्वरो की सृष्टि की जो कि सम्पूर्ण मानवजाति है।
यीशु ने उन्हें उत्तर दिया, क्या तुम्हारी व्यवस्था में नहीं लिखा है कि मैं ने कहा, तुम ईश्वर हो?
[यदि उस ने उन्हें ईश्वर कहा जिन के पास परमेश्वर का वचन पहुंचा (और पवित्र शास्त्र की बात लोप नहीं हो सकती।)
मैं ने कहा था कि तुम ईश्वर हो, और सब के सब परमप्रधान के पुत्र हो।
इंसान का जीवन खाना पीना और एक दिन मर जाना नहीं है।
परमेश्वर ने मनुष्यों को अपनी संतान के रुप में बनाया है।
परमेश्वर सृष्टिकर्त्ता हैं मनुष्यों का।
इसलिये मनुष्य परमेश्वर के बिना नहीं जी सकता।
क्योंकि परमेश्वर पिता हैं और पिता के बिना उसके बेटे का कोई अस्तित्व नही होता।
2. मनुष्य का अस्तित्व या वजूद :
पवित्रशास्त्र कहता है :
तब परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उसको उत्पन्न किया, नर और नारी करके उसने मनुष्यों की सृष्टि की।
क्योंकि हम उसके बनाए हुए हैं; और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया
हर एक को जो मेरा कहलाता है, जिस को मैं ने अपनी महिमा के लिये सृजा, जिस को मैं ने रचा और बनाया है
मैं तेरा धन्यवाद करूंगा, इसलिये कि मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूं। तेरे काम तो आश्चर्य के हैं, और मैं इसे भली भांति जानता हूं।
क्योंकि तू ने उसको परमेश्वर से थोड़ा ही कम बनाया है, और महिमा और प्रताप का मुकुट उसके सिर पर रखा है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें