दो प्रकार का मौत होता हैं पहला शारीरिक मौत और दूसरा आत्मिक मौत।
जैसे शरीर के मरने के बाद मिट्टी के अंदर डाला जाता हैं वैसे ही आत्मा को नरक मतलब आग की झील में डाला जाता हैं।
शारीरिक मौत के बाद एक और मौत हैं जो अनंतकाल के लिए हैं जिसे नरक या आग की झील कहते हैं।
इंसान में आत्मा होता हैं और आत्मा कभी नही मरता। आत्मा का घर शरीर होता है और जब शरीर मर जाता हैं तो आत्मा को उसके जीवन के कामों के अनुसार स्वर्ग या नरक में डाल दिया जाता हैं।
स्वर्ग कभी मिटने वाला जगह नहीं और नरक भी कभी ना खत्म होने वाला जगह है।
क्योंकि आत्मा कभी नहीं मरता।
इंसान को पहला मौत से डरना नहीं चाहिए क्योंकि यह जिंदगी 80 या 90 साल की होती है लेकिन इंसान को दूसरी मौत से डरना चाहिए क्योंकि उसकी कोई उम्र नही होती।
नरक कैसा जगह है ?
नरक आग की झील के समान है जो आग और गन्धक से जलती रहती है और वो कभी न मरने वाला कीड़ो से भरा है विनाशकारी दुर्गन्ध से भरा हैं।
पीड़ा से भरा है।
दिन रात दर्द और चिल्लाने की जगह है।
वह न दिन होगा न रात।
न भूख होगी न प्यास।
नरक के कीड़े उनका खाना-पीना होगा।
दिन रात दांत पिसते रहने की जगह हैं।
कौन से लोग नरक में डाले जायेंगे ?
और जिस किसी का नाम जीवन की पुस्तक में लिखा हुआ न मिला, वह आग की झील में डाला गया
जो उस ( प्रभु यीशु मसीह )पर विश्वास करता है, उस पर दंड की आज्ञा नहीं होती, परन्तु जो उस पर विश्वास नहीं करता, वह दोषी ठहर चुका; इसलिये कि उस ने परमेश्वर के एकलौते पुत्र के नाम पर विश्वास नहीं किया। और दंड की आज्ञा का कारण यह है कि ज्योति जगत में आई है, और मनुष्यों ने अन्धकार को ज्योति से अधिक प्रिय जाना क्योंकि उन के काम बुरे थे।
प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास नहीं करने वालों को उस आग की झील में डाला जाएगा।
क्योंकि यीशु मसीह पापी लोगों के पापों का प्रायश्चित हैं और उनके पापो का बलिदान भी।
जो लोग यीशु मसीह पर विश्वास करते है वे उस विश्वास के कारण परमेश्वर की संतान बनने का अधिकार प्राप्त करते है और उन पर दंड की आज्ञा नहीं होती।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें