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परमेश्वर की योजना आपके जीवन के लिए क्या है ?

 याद करे आप अपने प्रथम विश्वास को और अपने प्रथम बुलाहट को की किस रीति से परमेश्वर ने आपको बुलाया था और फिर परिस्थितियों के कारण आप परमेश्वर की योजनाओं को भूल गए।



परमेश्वर की योजना आपके जीवन लिए क्या है ?


परमेश्वर की योजना आपके लिए क्या है ? 1.  आपको पापों से उद्धार करना। 2 . आपको अपनी संतान के रूप में स्वीकार करना। 3. आपको पवित्रात्मा देकर आपकी सहायता करना। 4. आपको अपना निज प्रजा व याजक बनाना। 5. आपको संसार से अलग पहचान देना।  6. आपको अधिकारी बनाना। 7. आपके जीवन के द्वारा अपनी योजना पृथ्वी में पूरा करना। 8. सुसमाचार की जिम्मेवारी देना। 9. दूसरों के लिए प्रार्थना करना। 10. परमेश्वर का शांतिदूत होना। 11.पवित्रात्मा का वरदान देना। 12. वचन प्रचार करना। 13. यीशु मसीह के जी उठने की गवाही देना। इन सारी योजनाओं के अलावा कुछ व्यक्तिगत योजना परमेश्वर आपके जीवन के लिए तैयार करता है। जो आप परमेश्वर से व्यक्तिगत संगति के द्वारा जान पाएंगे।। जैसे: एकांत में प्रार्थना के द्वारा।। बाईबल अध्ययन के द्वारा।। संगति में शामिल होने के द्वारा।। अभिषिक्त सेवक से प्रार्थना करने के द्वारा।। पवित्रात्मा के साथ संगति के द्वारा।। उपवास प्रार्थना के द्वारा ।। इन बातों में यदि आप लगे रहे तो आप परमेश्वर की योजनाओं को समझ पाएंगे। क्योंकि इस जीवन की चिंता आपको परमेश्वर के योजनाओं से दूर कर देती हैं।



पवित्र शास्त्र बाइबल कहता हैं - प्रभु परमेश्वर हृदय को जाँचता है। वह हर एक योजना और विचार को जानता है। यदि तू उसको ढूंढेगा तो वह तुझको प्राप्‍त होगा। परन्‍तु यदि तू उसको छोड़ देगा, तो वह तुझे सदा के लिए छोड़ देगा।
परमेश्वर भला है और उसकी योजना आपके जीवन में भली है परमेश्वर आपसे प्रेम करता है और उसकी प्रतिज्ञा आपके जीवन की भलाई के लिए हैं।
यदि आप परमेश्वर को नहीं छोड़ेंगे तो परमेश्वर आपको नहीं छोड़ेगा। परमेश्वर का वचन आपके जीवन के लिए सफलता का और उन्नति का मार्ग है।

पवित्र शास्त्र बाइबल कहता हैं - प्रभु परमेश्वर कहता है: “मैं तेरा मार्गदर्शन कर तुझे वह मार्ग सिखाऊंगा जिस पर तुझे चलना चाहिए; मैं तुझे परामर्श दूंगा। मेरी दृष्टि सदा तुझ पर लगी रहेंगी।”
यदि आपका भरोसा परमेश्वर पर है तो वहां तुम्हें मार्गदर्शन करेगा यदि आप परमेश्वर का सहारा लेते हैं तो वह आपको सहारा देगा आपकी सहायता करेगा आपके लिए मार्ग बनाएगा आपको परामर्श देगा आपको सलाह देगा आपके लिए मार्ग तैयार करेगा और आपको उन्नति और सफलता के मार्ग में ले जाएगा जब आपका भरोसा परमेश्वर पर होगा कहीं और नहीं। दरअसल आप का चुनाव ही परमेश्वर की योजना को आपके जीवन में पूरी करता है यदि आप का चुनाव गलत होगा तो परमेश्वर की योजनाएं आपके जीवन में पूरी होने में विफल होगी।
पवित्र शास्त्र बाइबल के द्वारा अपने जीवन में यह समझना जरूरी है कि परमेश्वर की योजना आपके जीवन में क्या है? बिना पवित्र शास्त्र के आप अपने जीवन में परमेश्वर के प्रतिज्ञा को समझ नहीं सकते योजना को समझ नहीं सकते इच्छा को समझ नहीं सकते। इसलिए खुद निश्चिंत हो जाएगा कि परमेश्वर का वचन आपके जीवन के लिए क्या कहता है।

पवित्र शास्त्र बाइबल कहता है - तू अपनी समझ व बुद्धि का सहारा न लेना वरन् पूरे मन से प्रभु पर भरोसा करना। अपने सब कामों में तू प्रभु को याद करना, वह तेरे कठिन रास्ते को सरल कर देगा।
कई बार लोग हताश और निराश होकर अपने बुद्धि का सहारा लेते हैं अपने धन का सहारा लेते हैं दोस्तों का सहारा लेते हैं लोगों का सहारा लेते हैं अपनी बुद्धि का सहारा लेते अपनी समझ का सहारा लेते हैं अपने ज्ञान का सहारा लेते हैं लेकिन वे लोग परमेश्वर का सहारा नहीं लेते हैं नाही बाइबिल का सहारा लेते हैं और ना ही प्रार्थना का सहारा लेते हैं और ना ही उपवास करते हैं कि हम परमेश्वर की इच्छा को समझ सके कि हमारे जीवन में क्या है? परमेश्वर के बिना एक व्यक्ति सफल नहीं हो सकता क्योंकि मनुष्य परमेश्वर की सृष्टि है और उसको अपने जीवन में सृष्टि कर्ता की आवश्यकता है।

पवित्र शास्त्र बाइबल कहता है - यहोशू के समान हमें चलने की जरूरत है। तू साहसी और बलशाली बन! जिस वचनों का आज्ञा मेरे सेवक मूसा ने तुझे दिया है, उसका अनुसरण कर और उसके अनुसार काम कर। उस वचनों से न दाहिनी ओर मुड़ना, और न बायीं ओर। तब तू जहाँ-कहीं जाएगा, वहाँ-वहाँ सफल व उन्नत होगा। इस व्‍यवस्‍था के वचन तेरे मन से कभी अलग न हों। तू दिन रात उसका अध्ययन करना, ताकि तू उसमें लिखी हुई सब बातों का पालन कर सके और उनके अनुसार काम कर सके। तब तू अपने मार्ग पर उन्नति करेगा, तू अपने काम में सफल होगा। याद रख, मैंने तुझे यह आज्ञा दी है: “बलशाली और साहसी बन! डर मत ! निराश न हो!” जहाँ- कही तू जाएगा, वहाँ-वहाँ मैं, तेरा प्रभु परमेश्‍वर, तेरे साथ रहूँगा।’
इस रीति से आप अपने जीवन में परमेश्वर की योजना को उद्देश्य को इच्छा को समझ सकते हैं जब आप दिन-रात परमेश्वर के वचन पर ध्यान करेंगे अध्ययन करेंगे तो वचन ही आपका मार्गदर्शन करेगा।



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