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पवित्रआत्मा का परिचय और कार्य। Introduction and Work of the HolySpirit in Hindi.





➡️पवित्रआत्मा कौन है?
1. पवित्रआत्मा पिता और पुत्र दोनों का स्वरूप है।
जैसे यीशु अदृश्य परमेश्वर का स्वरूप है वैसे ही पवित्रआत्मा, पिता और पुत्र दोनों का स्वरूप है।

वह अदृश्य याहवे के प्रतिरूप और सारी सृष्टि में सर्वश्रेष्ठ हैं।
कुलुस्सि. 1.15 )

यीशु और पिता एक हैं।”
यूह 10:30

क्योंकि स्वर्ग में तीन हैं जो गवाही देते हैं, पिता, वचन और पवित्र आत्मा: और ये तीन एक हैं।  और पृय्वी पर तीन गवाही देनेवाले हैं, अर्थात् आत्मा, और जल, और लहू: और ये तीनों एक बात पर सहमत हैं।

 1 यूह 5:7-8



इसलिए जाकर सभी देशों के लोगों को शिष्य बनाओ। उन्हें पिता पुत्र और पवित्रात्मा के नाम से बपतिस्मा दो।
मत्ती 28.19

2. पवित्रआत्मा परमेश्वर हैं।
जब यह तुम्हारे पास थी तो क्या तुम्हारी नहीं थी? बेचे जाने के बाद भी क्या यह तुम्हारा ही पैसा नहीं था? तुमने अपने मन में ऐसी बात आने ही क्यों दी? तुमने इन्सान से नहीं परमेश्‍वर से झूठ बोला है।
प्रे.काम 5.4 )

3. पवित्रआत्मा सहायक हैं।
( मैं पिता से बिनती करूँगा, और वह तुम्हें एक और मददगार देंगे ताकि वह हमेशा तुम्हारे साथ रहे,
यूहन्ना 14.16 ) 

 4. पवित्रआत्मा शिक्षक हैं। 
 ( परन्तु मददगार अर्थात् पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेंगे, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा। जो कुछ मैंने तुम से कहा है, उन बातों की तुम्हें याद दिलाएगा।
यूहन्ना 14.26 ) 
 कुछ और अनुवाद में - But the Comforter, 
( शान्ति देनेवाला ) 
which is the Holy Ghost, John 14:26 KJV But the Advocate, 
( वकील के समान परामर्श देने वाला ) 
 the Holy Spirit, John 14:26 NIV 
 But the Helper, ( सहायता करने वाला ) the Holy Spirit, John 14:26 NKJV 


 ➡️पवित्र आत्मा हमारे जीवन में कौन हैं? अगुवाई करने वाला प्रकाशन देनेवाला। बुद्धि देनेवाला। सामर्थ देनेवाला। शिक्षा देनेवाला। वचन को समझाने वाला। चेतावनी देनेवाला। वरदान देनेवाला । गवाही देनेवाला। स्मरण कराने वाला। हिम्मत देनेवाला। निडरता देनेवाला। दर्शन देनेवाला। मना करने वाला। ग़लत मार्ग से रोकने वाला। प्रतिदिन मन को नया बनाने वाला। मन को स्थिर करने वाला। मन को शुद्ध बनाये रखने वाला। जागृति देनेवाला। विश्वास बढ़ाने वाला। प्रार्थना में सहायता करने वाला। परमेश्वर का मंदिर का निर्माण करनेवाला। कलीसिया बनाने वाला। चेलों को तैयार करने वाला। अध्यक्ष बनाने वाला। मन फिराव की शक्ति देनेवाला। चेतना देनेवाला। क़ायल करनेवाला। दोषभावना उत्पन्न करने वाला। जाँचने वाला सुसमाचार सुनाने में सहायता करने वाला। पाप के प्रति सजग रखने वाला। पापी स्वभाव को मारने वाला। पाप के इच्छा को मारने वाला। परमेश्वर की इच्छा हमारे जीवन में पूरा करने वाला। परमेश्वर के अधीन रखने वाला। हमारी रखवाली करने वाला।


पवित्र आत्मा नहीं तो सृष्टि नहीं और नाही उद्धार!
सृष्टि

परमेश्‍वर के आत्मा ने मुझे बनाया है। इन्हीं की सांस से मेरे पास जीवन है।
अय्यू 33.4

पृथ्वी बिना आकार की और सुनसान थी। गहरे पानी के ऊपर अँधेरा था। उस समय परमेश्‍वर का आत्मा पानी की सतह पर मण्डराता था।
उत्पत्ति 1.2


बाइबल और उसकी शिक्षा

क्योंकि बीते दिनों में कोई भी भविष्यद्वाणी इन्सान की इच्छा से नहीं हुयी, लेकिन परमेश्‍वर के लिए अलग किये गए लोग पवित्र आत्मा के उभारे जाने के बाद बोला करते थे।
2 पतर. 1.21

परन्तु मददगार अर्थात् पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेंगे, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा। जो कुछ मैंने तुम से कहा है, उन बातों की तुम्हें याद दिलाएगा।
यूहन 14.26

वह सब परमेश्‍वर ने अपने पवित्र आत्मा के द्वारा हमें बता दिया है। क्योंकि परमेश्‍वर का आत्मा सब कुछ वरन्, परमेश्‍वर की गहराई की बातों को जाँचता है। एक व्यक्‍ति की आत्मा के अलावा उसके बारे में कौन जान सकता है। इसी तरह परमेश्‍वर के आत्मा को छोड़कर परमेश्‍वर की बातों को कोई नहीं जान सकता। हम ने इस दुनिया का आत्मा नहीं, लेकिन वह आत्मा पाया है जो परमेश्‍वर की तरफ़ से है, ताकि हम परमेश्‍वर द्वारा मुफ़्त मिलने वाली बातों को जान सकें। मानवीय बुद्धि के द्वारा सिखाए गए शब्दों से हम इन बातों को नहीं कहते हैं। आत्मिक लोगों को आत्मिक बातें हम उन शब्दों से बताते हैं जो पवित्र आत्मा से दिए जाते हैं। अर्थात् आत्मिक विचारों को आत्मिक शब्दों से मिला कर सुनाते हैं।
1 कुरिन्थ. 2.10-13


उद्धार 


यीशु ने उत्तर दिया, “मैं तुम से सच-सच कहता हूँ, जब तक कोई व्यक्‍ति पानी और आत्मा से न जन्में, तब तक वह परमेश्‍वर के राज्य में दाखिल नहीं हो सकता। क्योंकि जो देह से जन्मा है, वह देह है, और जो आत्मा से जन्मा है, वह आत्मा है। अचम्भा न करो कि मैंने तुम से कहा कि तुम्हें नये तरीके से जन्म लेना ज़रूरी है। हवा जिधर चाहती है उधर चलती है और तुम उसकी आवाज़ सुनते हो, लेकिन नहीं जानते कि वह कहाँ से आती है और किधर जाती है। जो कोई आत्मा से जन्मा है वह ऐसा ही है।”
यूहन 3.5-8

सुसमाचार की घोषणा

लेकिन जब पवित्र आत्मा तुम्हारे ऊपर आएगा, तब तुम सामर्थ पाओगे और यरुशलेम, सारे यहूदिया, सामरिया और पृथ्वी के कोने-कोने तक मेरी गवाही दोगे
प्रे.काम 1.8


जब वे फ़्रिगिया और गलातिया से गुज़रे, पवित्र आत्मा ने उन्हें एशिया प्रान्त में वचन देने को मना किया। जब वे मूसिया आए, तब बितूनिया में प्रवेश करना चाहा, लेकिन पवित्र आत्मा ने उन्हें ऐसा करने से मना किया।
प्रे.काम 16.6-7


कलीसिया को बनाने वाला

क्या तुम्हें नहीं मालूम कि तुम परमेश्‍वर का भवन हो और परमेश्‍वर का आत्मा तुम्हारे भीतर रहता है। यदि कोई परमेश्‍वर के भवन को बर्बाद करे, परमेश्‍वर उस व्यक्‍ति को बर्बाद करेगा। इसलिए कि परमेश्‍वर का भवन पवित्र है और तुम्हीं वह भवन हो।
1 कुरिन्थ. 3.16-17


यीशु मसीह जिस इमारत का मुख्य पत्थर हैं, उन्हीं में प्रेरितों और भविष्यद्वक्‍ताओं की नींव पर तुम बनाए गये हो। यीशु में पूरी इमारत बनी है और उन्हीं में ही विश्‍वासी लोग जुड़ कर पवित्र भवन बनते जाते हैं। तुम भी एक साथ मिल कर परमेश्‍वर के लिए एक ऐसा निवास स्थान बनाए जाते हो, जहाँ परमेश्‍वर अपने आत्मा द्वारा रहते हैं।
इफिसि. 2.20-22





अंतिम छुटकारा 

जब तुमने सत्य का वचन सुना तब विश्‍वास करके प्रतिज्ञा की आत्मा की मोहर प्राप्त की, वह हमारे उत्तराधिकार के बयाने की तरह इसलिए दिया गया है, कि परमेश्‍वर के खरीदे हुए छुटकारा पाएँ और परमेश्‍वर की महिमा की स्तुति हो। यह एक और कारण है कि हम परमेश्‍वर की महानता की बड़ाई करें।
इफिसि. 1.13-14

पवित्र आत्मा और दुल्हन का कहना है, “आओ! जो सुनता है वह कहता है, ‘आओ’, और जो प्यासा है वह भी आए। जो ऐसा करेगा, वह जीवन का पानी मुफ़्त में पीएगा।”
प्र. व. 22.17

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