हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद हो, जिन्होंने यीशु मसीह के मरे हुओं में से जी उठने के द्वारा अपनी बड़ी दया से हमें जीवित आशा में नया जन्म दिया है। अर्थात् एक न मिटने वाली और अमर विरासत के लिए जो तुम्हारे लिए स्वर्ग में रखी है। जो परमेश्वर की ताकत से विश्वास के द्वारा उस मुक्ति के लिए सुरक्षित रखे गए हैं, जो आने वाले समय में प्रगट होने वाली है। इस वजह से तुम मगन होते हो हालांकि ज़रूर है कि तुम इस समय तरह-तरह की परीक्षाओं की वजह से उदास हो। यह इसलिए कि तुम्हारा परखा हुआ विश्वास जो आग से तपाए हुए बर्बाद न होने वाले सोने से भी कहीं ज्य़ादा कीमती है, यीशु मसीह के लौटने पर बड़ाई, इज़्ज़त और महिमा का कारण ठहरे। तुम बिना यीशु को देखे उन से मोहब्बत रखते हो और बिना देखे विश्वास करके ऐसे खुश और मगन होते हो, जो बयान से बाहर और महिमा से भरा हुआ है। और तुम्हारे विश्वास का नतीजा तुम्हारा उद्धार है।
इसी मुक्ति या उद्धार के बारे में उन भविष्यद्वक्ताओं ने होशियारी से जाँच पड़ताल की थी। उन्होंने इस बात की खोज की, कि मसीह का आत्मा जो उन में था और पहले ही से मसीह के दुखों की और उसके बाद आने वाली महिमा की गवाही देता था, वह कौन से और कैसे समय की ओर इशारा करता था। भविष्यद्वक्ताओं पर यह प्रगट किया गया था कि वे अपनी नहीं, लेकिन तुम्हारी सेवा के लिए ये बातें कहा करते थे। उन बातों की खबर अब तुम्हें उन से मिली है जिन्होंने स्वर्ग से भेजे हुए पवित्र आत्मा की मदद से तुम्हें खुशी की खबर सुनायी। इन बातों को स्वर्गदूत भी ध्यान से देखने की इच्छा रखते रहे हैं।
इस वजह से अपने मन को काम करने के लिए तैयार रखते हुए, सचेत होकर यीशु मसीह के लौटने के समय मिलने वाली कृपा की पूरी आशा रखो। आज्ञा मानने वाले बच्चों की तरह अपनी नासमझी के समय की पुरानी चाह मत रखो, लेकिन जैसे तुम्हारे बुलाने वाले पवित्रहैं वैसे ही तुम भी अपने सारे चालचलन में बनते जाओ। लिखा है कि‘ पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूँ।’
इसलिए कि तुम हे पिताजी कह कर उन से प्रार्थना करते हो जो बिना तरफ़दारी किए हर एक के काम को देख कर इन्साफ़ करते हैं, अपने परदेशी होने के समय को परमेश्वर के डर में बिताओ। क्योंकि तुम जानते हो कि तुम्हारा निकम्मा चालचलन जो पूर्वजों से चला आ रहा है उससे तुम्हारी आज़ादी चाँदी, सोने या बर्बाद होने वाली चीजों से नहीं हुयी। लेकिन निर्दोष और निष्कलंक मेम्ने अर्थात् मसीह के खून से हुयी। उनका ज्ञान तो दुनिया को बनाए जाने से पहले ही से जाना गया था, लेकिन अब इस आखिरी ज़माने में तुम्हारे लिए सामने लाया गया।
1 पतर. 1.1-20
जो उनके द्वारा उस परमेश्वर पर भरोसा करते हो, जिन्होंने यीशु को मरे हुओं में से जिलाया और इज़्ज़त दी, ताकि तुम्हारा भरोसा और उम्मीद परमेश्वर पर हो।
सत्य को अपना लेने से तुमने अपनी आत्मा को पवित्र कर लिया है, ताकि आपस में एक दूसरे से सच्चा प्रेम कर सको। अपने पूरे मन से दूसरों से प्रेम रखो। क्योंकि तुमने बर्बाद हो जाने वाले नहीं लेकिन बर्बाद न होने वाले बीज से परमेश्वर के ज़िन्दा और हमेशा ठहरने वाले शब्द से नया जन्म पाया है। क्योंकि हर एक इन्सान घास की तरह है और उसकी सारी खूबसूरती घास के फूल की तरह है। घास सूख जाती है और फूल झड़ जाता है,
लेकिन प्रभु की कही हुई बातें सदा तक रहेंगी और यह वही खुशी का संदेश है, जो तुम्हें सुनाया गया था।
1 पतर. 1.21-25
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें